best news portal development company in india

पलका’ की गाटा संख्या 285, उप निबंधक की कारगुजारी का नया ठिकाना

SHARE:

महोबा उप निबंधक कार्यालय में स्टांप राजस्व हानि का मामला, सरकार के राजस्व हितों की अनदेखी का आरोप

नितेन्द्र झा/महोबा सदर उप निबंधक कार्यालय एक बार फिर सवालों के घेरे में है। 19 अप्रैल 2025 को एक ही दिन, एक ही मौजा ‘पलका’ की गाटा संख्या 285 पर दो अलग-अलग लेखपत्र संपादित किए गए, जिनमें मूल्य निर्धारण और राजस्व वसूली को लेकर गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गाटा संख्या 285, रकबा 1.516 हेक्टेयर के पहले बैनामे (लेखपत्र संख्या 3089) में भूमि की मालियत मात्र ₹11,45,000 दर्शाई गई, जबकि उसी गाटा पर बने दूसरे दानपत्र (लेखपत्र संख्या 3093) में मालियत ₹19,55,000 दर्ज की गई। दोनों ही दस्तावेज खंड संख्या 7466 में दर्ज हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि गाटा संख्या 285, चक मार्ग गाटा संख्या 251 से सटा हुआ है, जिससे इसकी बाजारू कीमत सामान्य भूमि की तुलना में अधिक बनती है। ऐसे में लेखपत्र संख्या 3089 में भूमि का मूल्यांकन न्यूनतम दर्शाकर न केवल सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचाई गई है, बल्कि संबंधित उप निबंधक द्वारा मूल्यांकन सूची के नियमों की भी अनदेखी की गई है।


सूत्रों का दावा है कि यह मामला मात्र लापरवाही नहीं, बल्कि जानबूझकर किया गया कृत्य प्रतीत होता है। यदि निर्धारित मानकों के अनुरूप मूल्यांकन किया गया होता, तो सरकार को अधिक स्टांप शुल्क और पंजीयन शुल्क प्राप्त होता।

इस मामले में सरकार के राजस्व हितों की अनदेखी की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई गई है। शिकायत में मांग की गई है कि उप निबंधक सदर द्वारा अभिलेखीय साक्ष्यों की उपेक्षा की गंभीर जांच कराई जाए और दोषियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जाए। जनता और अधिवक्ताओं के बीच भी इस प्रकरण को लेकर असंतोष व्याप्त है। उनका कहना है कि यदि इस प्रकार के मामलों की जाँच नहीं हुई तो इससे भ्रष्टाचार को और बढ़ावा मिलेगा और सरकारी आय में भारी नुकसान होता रहेगा।

IKV News
Author: IKV News

Leave a Comment