- तकनीकी कमेटी पर पक्षपात का इल्जाम, करोड़ों की निविदा सवालों के घेरे में।
पूर्व में जिला अधिकारी द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी निविदा प्रक्रिया में पक्षपात को लेकर दोषी करार कर चुकी है।
(नितेन्द्र झां)
महोबा, उत्तर प्रदेश।
महोबा के सिंचाई निर्माण मण्डल में निविदा प्रक्रिया को लेकर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। स्थानीय ठेकेदार राकेश सिंह ने सीधे मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिखकर अधीक्षण अभियंता सिंचाई निर्माण मंडल महोबा और तकनीकी कमेटी पर पक्षपात, भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया है। यह मामला ₹ 120.45 लाख से अधिक की एक महत्वपूर्ण परियोजना की निविदा से जुड़ा है।
क्या है मामला?
अधिशासी अभियंता, सिंचाई निर्माण मण्डल महोबा द्वारा जारी निविदा सूचना सं० 01/अधी०अभि०/2025-26 के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य प्रस्तावित थे, जिसमें लॉट संख्या 04 (₹120.45 लाख अनुमानित लागत) पर विवाद खड़ा हुआ है। यह निविदा “बहिंगा माइनर के किमी 0.00से 4.200 तक अवशेष मिट्टी का कार्य एवं हेड रेगुलेटर के निर्माण” से संबंधित थी।
शिकायतकर्ता राकेश सिंह का आरोप है कि उन्होंने निविदा के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए, लेकिन तकनीकी कमेटी ने उनके अनुभव प्रमाण पत्र को गलत तरीके से अमान्य घोषित कर दिया।
> ठेकेदार राकेश सिंह का आरोप है, “तकनीकी कमेटी ने मेरा प्रमाण पत्र यह कहकर रद्द कर दिया कि यह ‘कच्चा-पक्का’ कार्य के अनुकूल नहीं है, जबकि निविदा की प्रकृति स्वयं में दोनों प्रकार की है। वहीं, कमेटी ने दूसरी फर्मों के अनुभव प्रमाण पत्रों को, जिनमें ‘कच्चा-पक्का’ कार्य स्पष्ट रूप से उल्लिखित भी नहीं था, आसानी से पास कर दिया।”
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पहले भी विवादों में रहा है मण्डल
पत्र में यह भी खुलासा किया गया है कि महोबा सिंचाई निर्माण मण्डल करोड़ों रुपये के टेंडरों में अनियमितताओं के कारण पहले भी विवादों में रहा है, और इससे संबंधित एक मुकदमा वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय, प्रयागराज में विचाराधीन है।
आरोप है कि विभाग जानबूझकर हर बार नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाता है।
जांच शुरू होने से पहले ही निविदा निरस्त
मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब ठेकेदार ने प्रमुख सचिव सिंचाई विभाग, लखनऊ को शिकायत भेजी। शिकायतकर्ता का दावा है कि उनकी शिकायत के तुरंत बाद विभाग ने विवादित निविदा को निरस्त कर दिया, जिससे किसी भी संभावित जांच या सुनवाई का रास्ता बंद हो गया।
राकेश सिंह ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि टेंडर की अनियमितताओं की जांच किसी अन्य निष्पक्ष विभाग से कराई जाए ताकि उन्हें और प्रदेश के अन्य ईमानदार ठेकेदारों को न्याय मिल सके। उन्होंने रद्द की गई निविदा को जानबूझकर निरस्त किए जाने के फैसले पर भी सवाल उठाया है।
इस मामले पर अधिशासी अभियंता, सिंचाई निर्माण मण्डल महोबा की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। देखना होगा कि मुख्यमंत्री कार्यालय इस गंभीर शिकायत पर क्या कदम उठाता है।
पत्र संलग्न:









