नितेन्द्र झा/बुन्देलखण्ड के मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में लवकुश नगर तहसील क्षेत्र स्थित व्यास बदौरा के लगभग 9 वीं शताब्दी के मंदिर हैं, यहां लगभग 15 मंदिर थे , चंदेल कालीन बुंदेलखंड के सबसे बड़े तालाबों में एक तालाब भी है जो खेतों में बदल चुका है,इस तालाब की बंधान ही लगभग 1 किलोमीटर है, यहां मंदिर स्थापत्य एवं मूर्ति शिल्प में कल्चुरी कला का भी कुछ प्रभाव देखने को मिलता है ,यहां के जुड़वां शिव जी पार्वती जी के मंदिर देखकर ऐसा लगता है की जैसे एक ही सांचे में ढाल दिये गए हों, इस गाँव के दूसरी ओर स्थित ग्रेनाइट के मंदिर में विष्णुजी की विशाल प्रतिमा भग्नावस्था में हैं ,यहां के मंदिर स्थापत्य एवं मूर्ति शिल्प दर्शनीय है। यहां कभी समय निकाल कर अवश्य जाएं,इनके संरक्षण एवं जीर्णोद्धार की बहुत आवश्यकता है, यह चंदला से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित हैं,