(नितेन्द्र झां)
#महोबा। सिंचाई निर्माण मंडल में भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर सवालों का तूफ़ान उठ खड़ा हुआ है। अधीक्षण अभियंता सी.एस. मंगलम पर आरोप है कि गोरखपुर तक मजबूत पैठ और प्रभाव के कारण वे लगातार लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों से बचते चले आ रहे हैं। विभागीय ई-निविदाओं में हो रहे कथित फर्जीबाड़े से गोरखपुर के कुछ ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने की बातें अब खुले तौर पर लोगों की जुबान पर हैं।
जानकारी के अनुसार, पूर्व में ई-निविदा प्रक्रिया में की गई गड़बड़ियों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। लेकिन आरोप यह भी है कि विभाग में “भ्रष्टाचार रूपी अजगर” के रूप में वर्णित अभियंता मंगलम ने इस जांच को भी अपने प्रभाव में लेकर निष्प्रभावी कर दिया।
स्थानीय ठेकेदारों का आरोप है कि अभियंता मनमाने तरीके से महीनों तक ई-निविदा रोककर अपने चहेते ठेकेदारों को कार्य आवंटित करते हैं और उनसे खुलेआम वसूली की जाती है। इससे पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा दोनों पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इस बीच, शिकायतकर्ता राकेश सिंह ने इस बार प्रामाणिक दस्तावेजों सहित शिकायत सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाई है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन आरोपों पर क्या कार्रवाई होती है?







