नितेन्द्र झा/महोबा ग्रीष्म ऋतु में लू / हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय हीट वेव की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसके प्रभाव को कम करने के लिये निम्न तथ्यों पर ध्यान देना चाहिये।
क्या करें-
1. प्रचार माध्यमों पर हीट वेव व लू की चेतावनी पर ध्यान दें।
2. अधिक से अधिक पानी पियें, यदि प्यास न लगी हो तो भी।
3. हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें। 4. धूप के चश्मे छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें।
5. अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपड़े से ढकें रहे तथा छाते का प्रयोग करें।
6. यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ अवश्य ले जायें।
7. ओ०आर०एस०, घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे- लस्सी, चावल का पानी (माड), नीबू पानी छांछ
आदि का उपयोग करें जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सकें।
8. हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट, कैम्प के लक्ष्णों जैसे- कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उपकाई, पसीना आना, मूर्छा आदि को पहचानें।
9. यदि मूर्छा या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सीय सलाह लें।
10. जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें तथा उन्हें पर्याप्त पानी पीने को दें।
11. अपने घरों को ठंडा रखें, पदे, दरवाजे आदि का प्रयोग करें तथा शाम / रात के समय कमरे को ठंड करने हेतु इसे खोल दें।
12. पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें तथा बार-बार स्नान करें।
13. कार्य स्थल पर ठंडे पीने का पानी रखें / उपलब्ध करायें।
14. कर्मियों को सीधे सूर्य की रोशनी से बचने हेतु सावधान करें।
15. श्रमसाध्य कार्यो को ठंडे समय में करने कराने का प्रयास करें।
16. गर्भस्थ महिला कर्मियों तथा रोग ग्रस्त कर्मियों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहियें।
क्या न करें-
1. बच्चों तथा पालतू जानवरों को खड़ी गाड़िया में न छोड़ें।
2. दोपहर 12:00 बजे से 03.00 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें।
3. गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें।
4. जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रमसाध्य कार्य न करें।
5. अधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचें, रसोई वाले स्थान को ठंडा करने के लिये दरवाजे तथा खिड़किया खोल दें।
6. शराब, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि के उपयोग करने से बचें, क्योंकि यह शरीर में निर्जलीकरण करता है।